दिल, दोस्ती और कातिल पत्नी... मेरठ की मुस्कान और साहिल की प्रेम कहानी में कैसे कांटा बन रहा था सौरभ?

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Posted On:Saturday, March 22, 2025

यह कहानी तीन लोगों की है। सौरभ कुमार (29), मुस्कान रस्तोगी (26) और साहिल शुक्ला (28)। तीनों के रिश्तों की उलझन ने एक ऐसी त्रासदी को जन्म दिया, जिसने मेरठ ही नहीं, पूरे देश को हिला कर रख दिया। वर्ष 2016 में मेरठ में सौरभ की मुस्कान से पहली मुलाकात हुई थी। दोनों की दोस्ती हुई, फिर यह दोस्ती प्यार में बदल गई। दोनों ने परिवार की मर्जी के खिलाफ शादी कर ली। लेकिन किसे पता था कि यह रिश्ता एक दिन खूनी मोड़ ले लेगा।

झूठी पहचान से शुरू हुआ रिश्ता

सौरभ ने मुस्कान को बताया कि वह मर्चेंट नेवी में काम करता है और लंदन में तैनात है। मुस्कान ने इस पर भरोसा किया और शादी के लिए हाँ कर दी। सौरभ का परिवार इस रिश्ते के खिलाफ था, लेकिन उसने सबको छोड़ मुस्कान से शादी कर ली। शादी के छह महीने बाद सौरभ लंदन चला गया। बाद में मुस्कान को पता चला कि वह मर्चेंट नेवी में नहीं, बल्कि लंदन में एक बेकरी में काम कर रहा था। उनकी आर्थिक स्थिति भी कमजोर थी। इस खुलासे ने मुस्कान के मन में निराशा और गुस्सा भर दिया।

प्यार की आड़ में छल

इस बीच मुस्कान और सौरभ की एक बेटी भी हुई। परिवार धीरे-धीरे सुधरने लगा था, लेकिन फिर मुस्कान की जिंदगी में साहिल शुक्ला की वापसी हुई। साहिल वही था, जो स्कूल के दिनों से मुस्कान को जानता था। सौरभ के ज्यादातर समय लंदन में रहने से अकेलापन मुस्कान पर हावी हो रहा था। इसी दौरान साहिल और मुस्कान के बीच नजदीकियां बढ़ने लगीं। साहिल अकसर मुस्कान के घर आता-जाता, दोनों साथ शराब और नशे करते। मकान मालिक ने इन दोनों के रिश्ते की सच्चाई जान ली थी।

सौरभ की वापसी और तूफान की दस्तक

2021 में सौरभ मेरठ लौटा। मकान मालिक ने उसे मुस्कान और साहिल के रिश्ते की जानकारी दी। सौरभ ने दोनों की बातचीत भी सुन ली। इसके बाद झगड़े बढ़े और मामला तलाक तक पहुँच गया। सौरभ तलाक चाहता था और 2023 में फिर लंदन चला गया। लेकिन 24 फरवरी 2025 को वह एक बार फिर मेरठ लौट रहा था। मुस्कान और साहिल को यह मंजूर नहीं था। दोनों ने ठान लिया कि अब सौरभ को रास्ते से हटा देना है।

हत्या की साजिश : मुस्कान का जन्मदिन बना मौत की घड़ी

मुस्कान का जन्मदिन 25 फरवरी को था। सौरभ उसे सरप्राइज देने आ रहा था। लेकिन मुस्कान और साहिल के दिमाग में सौरभ की हत्या का प्लान बन चुका था। 25 फरवरी की रात उसे मारने की योजना थी, लेकिन सौरभ ने शराब पीने से मना कर दिया। योजना विफल रही। मुस्कान और साहिल ने 3 मार्च को अगला मौका चुना। बेटी की परीक्षा समाप्त होते ही, मुस्कान ने उसे अपनी मां के घर भेज दिया और साहिल को बुला लिया।

हत्या की खौफनाक रात

3 मार्च की रात को मुस्कान ने सौरभ का पसंदीदा कोफ्ता बनाया, जिसमें नशीला पदार्थ मिला दिया। सौरभ के बेहोश होते ही साहिल और मुस्कान ने चाकू से हमला कर दिया। पहले मुस्कान ने सौरभ के सीने में खंजर घोंपा, क्योंकि साहिल चाहता था कि पहला वार मुस्कान करे। फिर साहिल ने कई वार किए। सौरभ ने बचने की कोशिश की, लेकिन वह हार गया। उसकी मौत के बाद दोनों ने शव के टुकड़े किए। साहिल ने सौरभ के सिर और दोनों हाथ काट लिए, और अपने साथ ले गया।

ड्रम में बंद हुई लाश, और हिमाचल का सफर

हत्या के बाद साहिल और मुस्कान ने सौरभ के शव को बाथरूम में टुकड़े-टुकड़े कर एक बड़े प्लास्टिक ड्रम में डाल दिया। फिर उसमें सीमेंट भर दिया। इस तरह ड्रम ही सौरभ की कब्र बन गया। 4 मार्च की सुबह वे ड्रम को कमरे में छोड़, हिमाचल की वादियों में निकल पड़े। शिमला, मनाली और कसौल में दोनों घूमे। मुस्कान अपने साथ 84 हजार रुपये लेकर गई थी। जब पैसे खत्म हो गए तो वापस लौटने का फैसला किया। मुस्कान ने अपनी माँ को फोन किया कि सौरभ के खाते से पैसे नहीं निकल रहे। माँ ने पूछा, "जब सौरभ तुम्हारे साथ घूमने गया है, तो पैसे क्यों नहीं हैं?" इस पर मुस्कान ने सच उगल दिया कि उसने सौरभ को मार दिया है। माँ घबरा गई और पुलिस को खबर दी। 18 मार्च को पुलिस मुस्कान के घर पहुँची और ड्रम से सौरभ की लाश मिली। इसके बाद पुलिस ने साहिल और मुस्कान दोनों को गिरफ्तार कर लिया।

अंधविश्वास और प्यार का खौफनाक मेल

साहिल अंधविश्वासी था। वह मानता था कि उसकी मृत माँ उससे स्नैपचैट के ज़रिए बात करती है। मुस्कान ने भी इस अंधविश्वास का फायदा उठाया। उसने अपने भाई के नंबर से साहिल को मैसेज भेजे, जैसे कि उसकी माँ कह रही हो, "मुस्कान एक अच्छी लड़की है, उसके साथ खुश रहो।" साहिल पूरी तरह मुस्कान के वश में था। वह सौरभ की हत्या को अपनी माँ की इच्छा मान बैठा और मुस्कान के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार था।

हत्या की प्लानिंग : नवंबर से मार्च तक

पिछले साल नवंबर में ही दोनों ने सौरभ की हत्या का प्लान बना लिया था। शव को ड्रम में छिपाने का आइडिया साहिल का था। 25 फरवरी को हत्या की योजना थी, लेकिन असफल रही। इसके बाद 3 मार्च को योजना को अंजाम दिया गया। हत्या के बाद मुस्कान ने सौरभ के फोन से उसके परिवार को मैसेज भेजे, ताकि किसी को शक न हो। लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया और दोनों पकड़े गए।

दो ध्रुव : मुस्कान की चालाकी और साहिल का जुनून

मेरठ पुलिस का कहना है कि मुस्कान सौरभ से छुटकारा पाना चाहती थी, लेकिन साहिल से शादी नहीं। वहीं साहिल सिर्फ मुस्कान से शादी के लिए यह सब कर रहा था। दोनों के इरादे अलग थे। कहानी एक अलग मोड़ भी ले सकती थी, लेकिन किस्मत ने सच्चाई सबके सामने ला दी।

निष्कर्ष : प्यार, धोखा और जुनून की भयानक कीमत

यह कहानी सिर्फ हत्या की नहीं, बल्कि उस अंधे प्रेम, अंधविश्वास और लालच की है, जो किसी भी इंसान को हैवान बना सकती है। सौरभ की हत्या सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि रिश्तों के टूटने, भरोसे के मरने और प्यार के गलत रास्ते पर जाने की कहानी है।


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