अहमदाबाद में हुए विमान हादसे के बाद DGCA (Directorate General of Civil Aviation) ने देश के प्रमुख एयरपोर्टों पर विमानों की सुरक्षा और रखरखाव को लेकर कड़ी निगरानी शुरू कर दी है। विशेष रूप से दिल्ली और मुंबई जैसे व्यस्त हवाई अड्डों पर सुरक्षा जांच के दौरान कई खामियां उजागर हुई हैं, जिनसे हवाई यात्रा के दौरान यात्रियों की सुरक्षा को गंभीर खतरा माना जा रहा है। DGCA की जांच रिपोर्ट ने एयरलाइन कंपनियों और एयरपोर्ट प्रबंधन की लापरवाही की पोल खोल दी है।
अहमदाबाद क्रैश के बाद सख्ती
12 जून को अहमदाबाद में हुई विमान दुर्घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इस हादसे में क्रू और यात्रियों की जान चली गई थी। इस घटना के बाद DGCA ने विशेष रूप से सुरक्षा जांच को तेज किया। जांच के तहत दिल्ली और मुंबई सहित अन्य प्रमुख एयरपोर्टों पर सुबह और शाम के पीक आवर्स में सुरक्षा ऑडिट किया गया। इस जांच के दौरान विमान के रखरखाव, संचालन प्रक्रिया और रनवे की स्थिति को कड़ी नजर से देखा गया।
प्रमुख खामियां और लापरवाहियां
DGCA की टीम ने पाया कि कई विमानों के टायर घिसे हुए थे, जो टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान दुर्घटना का प्रमुख कारण बन सकते हैं। एक फ्लाइट को तो खराब टायरों की वजह से उड़ान भरने से रोक दिया गया था। एयरलाइन ने जब तक टायर बदलकर दुरुस्त नहीं किया, तब तक उड़ान की अनुमति नहीं मिली। इसके अलावा, विमान में जीवनरक्षक जैकेटों की संख्या भी नियमानुसार पूरी नहीं थी, जो एक गंभीर सुरक्षा उल्लंघन है।
इसी तरह, विमानों के सॉफ्टवेयर को उनके मौजूदा वर्जन के अनुसार अपडेट नहीं किया गया था, जो तकनीकी खामियों को जन्म देता है। रखरखाव में भी लापरवाही बरती जा रही थी, जिसके कारण टेकऑफ और लैंडिंग के समय तकनीकी दिक्कतें सामने आईं। रनवे की सेंटर लाइन मार्किंग भी फीकी पाई गई, जिससे पायलटों को दूर से रनवे की सही दिशा का आकलन करना मुश्किल हो रहा था।
DGCA की सख्त कार्रवाई
DGCA ने दोषियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। जांच रिपोर्ट के बाद संबंधित एयरपोर्ट ऑपरेटर, एयरलाइन कंपनियों और अन्य एजेंसियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सात दिनों के भीतर सभी खामियों को सुधार लें। DGCA का मानना है कि अगर सुरक्षा में कोई भी छूट दी गई तो यह देश की हवाई सुरक्षा व्यवस्था के लिए खतरा होगा।
आगे बढ़ेगी जांच, कोलकाता और हैदराबाद एयरपोर्ट भी होंगे शामिल
अब DGCA की निगरानी को बढ़ाते हुए कोलकाता और हैदराबाद एयरपोर्ट पर भी जांच शुरू की जा रही है। 25 जून से इन दोनों हवाई अड्डों पर विमानों के मेंटेनेंस, उड़ान संचालन और एयरलाइन कंपनियों के कामकाज की विस्तार से समीक्षा की जाएगी। किसी भी तरह की लापरवाही पाए जाने पर तुरंत सुधारात्मक कदम उठाने का निर्देश दिया जाएगा।
यात्रियों के लिए चेतावनी और भविष्य की तैयारी
DGCA की यह जांच यात्रियों के लिए एक बड़ा संदेश है कि हवाई यात्रा में सुरक्षा सर्वोपरि है और इसमें कोई समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस कदम से उम्मीद जताई जा रही है कि विमान संचालन और रखरखाव में सुधार आएगा और भविष्य में हादसों की संभावना कम होगी।
इस पूरे मामले से यह साफ हो गया है कि एयरपोर्ट और एयरलाइन के बीच समन्वय, रखरखाव के नियमों का सख्ती से पालन और समय-समय पर सुरक्षा जांच बेहद जरूरी हैं। DGCA की निगरानी से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि यात्रियों की सुरक्षा में कोई कमी न रहे और हर उड़ान सुरक्षित रूप से पूरी हो।
निष्कर्ष
अहमदाबाद क्रैश के बाद DGCA द्वारा की गई जांच ने देश के प्रमुख एयरपोर्टों की सुरक्षा व्यवस्था की गंभीर कमियों को उजागर किया है। दोषियों को समय पर सुधारात्मक निर्देश देना और बाकी एयरपोर्टों पर भी निगरानी बढ़ाना एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। इससे हवाई यात्रा में यात्रियों के विश्वास को पुनः स्थापित करने में मदद मिलेगी और विमान हादसों को रोकने की दिशा में भी यह पहल अहम साबित होगी।