प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एनडीए संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि देश अब पूरी तरह से 'रिफॉर्म एक्सप्रेस' के दौर में प्रवेश कर चुका है. उन्होंने स्पष्ट किया कि सुधार (Reforms) अब तेज़ गति से और स्पष्ट इरादे के साथ हो रहे हैं. पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार के सभी सुधार पूरी तरह से नागरिक केंद्रित (Citizen-centric) हैं, और ये सिर्फ अर्थव्यवस्था को मजबूत करने या राजस्व बढ़ाने तक सीमित नहीं हैं.
'ईज ऑफ लाइफ' सर्वोच्च प्राथमिकता
प्रधानमंत्री ने सांसदों से कहा कि सरकार का मुख्य लक्ष्य आम नागरिकों की रोजमर्रा की मुश्किलों को खत्म करना है, ताकि हर व्यक्ति अपनी पूरी क्षमता तक बढ़ सके. उन्होंने कहा कि इस 'रिफॉर्म एक्सप्रेस' को हर घर तक पहुंचाना है और दिन-प्रतिदिन की परेशानियों को दूर करना है.
पीएम मोदी ने सांसदों से अपील की कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय रूप से आम लोगों की वास्तविक समस्याओं को सामने लाएं. उन्होंने स्पष्ट किया कि इन्हीं वास्तविक मुद्दों के आधार पर नीतियां बनेंगी, जिससे सुधारों का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे.
पीएम मोदी ने दोहराया कि उनकी सरकार के लिए 'ईज ऑफ लाइफ' (जीवन की सुगमता) और 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' (कारोबार की सुगमता) दोनों ही समान रूप से सर्वोच्च प्राथमिकता हैं. उन्होंने कहा कि सुधारों का मकसद केवल कारोबार को आसान बनाना नहीं, बल्कि आम आदमी का जीवन सरल, सम्मानजनक और सुविधाजनक बनाना है.
कागजी कार्रवाई पर प्रहार: 'सेल्फ-सर्टिफिकेशन' में भरोसा
प्रधानमंत्री ने सरकारी सेवाओं में व्याप्त कागजी कार्रवाई की पुरानी संस्कृति पर करारा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि 30-40 पेज के फॉर्म भरवाने और बार-बार एक ही डाटा मांगने की संस्कृति को जड़ से खत्म करना है. उनका विजन है कि सरकारी सेवाएं नागरिक के दरवाजे तक पहुंचनी चाहिए.
पीएम मोदी ने सेल्फ-सर्टिफिकेशन (स्व-प्रमाणन) की व्यवस्था पर जोर दिया. उन्होंने याद दिलाया कि सरकार ने नागरिकों पर भरोसा करते हुए यह व्यवस्था लागू की थी और पिछले दस साल में इसका कोई दुरुपयोग नहीं हुआ. पीएम ने कहा कि नागरिकों पर यह भरोसा सफल रहा है और सरकार आगे भी इसी रास्ते पर चलेगी.
एनडीए सांसदों ने प्रधानमंत्री के इस विजन की प्रशंसा की और इसे जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया. बैठक में मौजूद नेताओं ने इस संबोधन को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की दिशा और दृष्टि का स्पष्ट खाका बताया. प्रधानमंत्री के इस संबोधन से यह साफ है कि आने वाले दिनों में सरकारी योजनाओं और सेवाओं में और तेजी से डिजिटलीकरण (Digitization), डी-ब्यूरोक्रेटाइजेशन और नागरिक-केंद्रित दृष्टिकोण देखने को मिलेगा.