मुंबई, 07 मार्च, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन और किसान नेता बलबीर राजेवाल और अन्य की तरफ से दायर याचिका पर कहा कि किसान आंदोलन में बच्चों को आगे किया जा रहा है। यह बड़े शर्म की बात है कि बच्चों की आड़ में हथियार समेत प्रदर्शन किया जा रहा है। कैसे माता-पिता हैं। किसान क्या कोई जंग करना चाहते हैं। ये पंजाब का कल्चर नहीं। हाईकोर्ट ने आगे कहा कि किसान नेताओं को गिरफ्तार कर चेन्नई की जेल में भेजना चाहिए। किसानों को कोर्ट में खड़े होने का अधिकार नहीं है। हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट को किसानों के प्रदर्शन के कई फोटो दिखाए। हाईकोर्ट ने सवाल पूछा कि हथियारों के साथ शांतिमय प्रदर्शन कैसे हो रहा है। हाईकोर्ट ने कहा कि पंजाब और हरियाणा सरकार जिम्मेदारी निभाने में नाकाम रही। हाईकोर्ट ने कहा कि शुभकरण की मौत की जांच के लिए रिटायर्ड जज की अगुआई में कमेटी बनेगी। इसके लिए 3 मेंबरी टीम बनेगी। हरियाणा सरकार की तरफ से अंबाला पुलिस के DSP जोगेंद्र शर्मा भी हाईकोर्ट में पेश हुए। इस दौरान उन्होंने 40 से 50 फोटो की एक एल्बम हाईकोर्ट को दिखाई। जिसमें दिख रहा था कि आगे बच्चे हैं और पीछे लोग तलवारें-गंडासे लेकर आ रहे हैं। इसको देखकर हाईकोर्ट ने बार-बार इसे शर्मनाक बताया। आपको बता दें, एक्टिंग चीफ जस्टिस(ACJ) जीएस संधावालिया और जे लापीता बनर्जी की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की।
वहीं, किसान नेता दर्शनपाल ने कहा कि किसान संगठनों ने कभी भी बच्चों को सामने कर हथियारों के साथ प्रदर्शन नहीं किया। हथियार और गोलियां तो पुलिस की तरफ से चली। किसानों ने पहले ही कहा था कि 13 फरवरी को दिल्ली जाएंगे। अगर सरकार जगह देती और वह दिल्ली के रामलीला मैदान में चली जाती तो फिर ऐसी नौबत क्यों आती। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को अपनी मांग क्यों नहीं उठाने देती। हाईकोर्ट को तो सरकार को कहना चाहिए था कि किसानों को जानें दे। उन्हें सरकार से बात करने दीजिए। दरअसल, MSP पर फसल खरीद गारंटी कानून और संपूर्ण कर्जमाफी समेत 12 मांगों को लेकर 13 फरवरी को पंजाब से किसान ट्रैक्टर ट्रॉलियों में दिल्ली कूच के लिए रवाना हुए थे। इस दौरान शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर किसानों को हरियाणा पुलिस ने बैरिकेडिंग और आंसू गैस के गोलों के जरिए रोक लिया। दोनों बॉर्डर पर कई बार पुलिस और किसान आमने सामने हुए। सबसे ज्यादा उधम 21 फरवरी को हुआ। इसी दिन खनौरी बॉर्डर पर गोली लगने से किसान शुभकरण की मौत हो गई। जिसके बाद किसानों ने दिल्ली कूच टाल दिया। अभी किसान बॉर्डरों पर ही डटे हुए हैं। किसानों और केंद्र के बीच 4 बार वार्ता हो चुकी है।