मुंबई, 02 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दशहरे के अवसर पर भुज में एक मिलिट्री बेस का दौरा किया और सर क्रीक के आसपास पाकिस्तान के साथ चल रहे सीमा विवाद पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि भारत ने बार-बार बातचीत के माध्यम से यह मसला सुलझाने की कोशिश की है, लेकिन पाकिस्तान की नीयत साफ नहीं दिखती। रक्षा मंत्री ने बताया कि हाल में पाकिस्तान द्वारा सर क्रीक के पास मिलिट्री इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने के कदम उसकी मंशा को उजागर करते हैं। यदि सीमा पार से कोई भी हिमाकत की गई तो उसे ऐसा जवाब मिलेगा कि इतिहास और भूगोल दोनों बदल जाएंगे।
दौरान राजनाथ सिंह ने बेस पर L-70 डिफेंस गन सिस्टम की पूजा-अर्चना भी की और उसकी क्षमताओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह गन ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अहम साबित हुई थी और कई पाकिस्तानी ड्रोन को निशाना बनाकर गिराया गया था; यह एक मिनट में 300 गोले दागने और 3,500 मीटर तक लक्ष्य करने में सक्षम है। रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अपने निर्धारित लक्ष्य हासिल किए और भारतीय सेना ने पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम को बेनकाब कर दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारतीय सेना ने पूरी दुनिया को संदेश दिया है कि जब चाहे और जहाँ चाहे वह पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखती है और उसकी संप्रभुता को चुनौती देने वाली ताकतें चाहे जहाँ भी हों, उन्हें ढूंढ कर समाप्त करने की शक्ति हमारी आर्म्ड फोर्सेस में है। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी और भारत किसी भी चुनौती के सामने चुप नहीं बैठेगा।
शस्त्र पूजा के संदर्भ में राजनाथ सिंह ने कहा कि शस्त्रों के प्रति समर्पण और उनकी पूजा परंपरागत रूप से धर्म और न्याय की रक्षा का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि पूजा केवल अनुष्ठान नहीं बल्कि उस शक्ति का नैतिक और न्यायोचित उपयोग सुनिश्चित करने का संकल्प भी है। उन्होंने राम और रावण के युद्ध का उदाहरण देते हुए कहा कि युद्ध का उद्देश्य केवल जीतना नहीं था, बल्कि धर्म की स्थापना और न्याय की रक्षा थी, और इसी भावना के साथ भारत समय आने पर शस्त्रों का उपयोग करना जानता है।