पीरियड के दर्द से निपटने का अनोखा तरीका: 'गाली दो यार मस्त', विशेषज्ञ ने बताया क्यों काम करती है ये तरकीब

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Posted On:Wednesday, October 1, 2025

मुंबई, 1 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) पीरियड (मासिक धर्म) का दर्द दुनिया भर में महिलाओं के लिए एक आम, लेकिन अक्सर असहनीय अनुभव होता है। जहां अधिकांश महिलाएं दर्द से राहत के लिए गर्म पानी की बोतल, चाय या दवाइयों का सहारा लेती हैं, वहीं एक यौन स्वास्थ्य विशेषज्ञ (Sexual Health Educator) ने इस दर्द से निपटने का एक बेहद असामान्य और विवादास्पद तरीका सुझाया है: गाली देना या अपशब्दों का प्रयोग करना।

डॉ. क्यूटेरस का अनोखा नुस्खा

डॉ. तनाया नरेंद्र, जो सोशल मीडिया पर 'डॉ. क्यूटेरस' के नाम से लोकप्रिय हैं, ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में इस तरीके को साझा किया।

डॉ. तनाया ने दावा किया, "किसी भी तरह के दर्द से निपटने का एक बहुत प्रभावी तरीका है गाली देना... हमारे पास अध्ययन हैं जो दिखाते हैं कि अगर दो ग्रुप बनाए जाएं, तो जिस ग्रुप को गाली देना अलाउड है, वह ज़्यादा देर तक दर्द सह सकता है।"

उन्होंने कीले यूनिवर्सिटी (Keele University) के 2009 के एक अध्ययन का हवाला दिया, जिसमें पाया गया कि ठंडे पानी में हाथ रखने वाले जिन प्रतिभागियों को अभद्र भाषा का उपयोग करने की अनुमति थी, वे अन्य ग्रुप की तुलना में 30 सेकंड अधिक समय तक दर्द सहन कर पाए। डॉ. तनाया ने समझाया कि चूंकि वे शब्दों के माध्यम से अपनी आक्रामकता को बाहर निकालने में सक्षम थे, इसलिए उनकी दर्द सहने की क्षमता (Pain Tolerance) बढ़ गई।

वैज्ञानिक कारण: एंडोर्फिन और लिम्बिक सिस्टम

मनोवैज्ञानिक रूप से यह तरकीब कैसे काम करती है, इसकी पुष्टि करते हुए क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट नेहा पराशर ने बताया कि:

प्राकृतिक पेनकिलर: "गाली देने से लिम्बिक सिस्टम (दिमाग का वह हिस्सा जो भावनाओं और तनाव को संभालता है) सक्रिय हो जाता है। यह सक्रियता एड्रेनालिन (Adrenaline) और एंडोर्फिन (Endorphins)—जो शरीर के प्राकृतिक दर्द निवारक हैं—के स्राव (रिलीज़) को ट्रिगर करती है।"

भावनात्मक नियंत्रण: मनोवैज्ञानिक तौर पर, अपशब्दों का प्रयोग करने से भावनात्मक मुक्ति (Emotional Catharsis) और एक तरह का नियंत्रण महसूस होता है। यह संयोजन अस्थायी रूप से दर्द की धारणा को कम कर सकता है।

ज़रूरी चेतावनी और अन्य उपाय

हालांकि कुछ अध्ययन गाली देने और दर्द से राहत के बीच संबंध बताते हैं, लेकिन पराशर ने सख्त चेतावनी दी है कि ये प्रमाण सीमित हैं और विशेष रूप से मासिक धर्म के दर्द पर केंद्रित नहीं हैं। इसलिए, इसे चिकित्सीय उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए।

तनाव और दर्द का संबंध: विशेषज्ञ बताते हैं कि तनाव और तीव्र भावनाएं कोर्टिसोल के स्तर को बढ़ाकर ऐंठन को और बदतर कर सकती हैं। इसलिए तनाव प्रबंधन आवश्यक है।

पीरियड के दर्द को कम करने के लिए अन्य प्रभावी उपाय:

  • नियमित शारीरिक गतिविधि और हल्का योग।
  • पर्याप्त हाइड्रेशन (पानी पीना)।
  • आयरन और मैग्नीशियम से भरपूर संतुलित आहार।
  • निचले पेट पर हीट थेरेपी (गर्म पानी की थैली)।
  • माइंडफुलनेस तकनीकें जैसे गहरी साँस लेना या ध्यान।
यदि दर्द बहुत गंभीर है या दैनिक जीवन को बाधित करता है, तो स्त्री रोग विशेषज्ञ (Gynaecologist) से परामर्श लेना महत्वपूर्ण है।


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