पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) 2025 के एक मुकाबले में इस्लामाबाद यूनाइटेड और मुल्तान सुल्तान्स के बीच हुए हाई-वोल्टेज ड्रामे ने सभी का ध्यान खींचा। यह मुकाबला केवल रन और विकेट तक सीमित नहीं रहा, बल्कि मैदान पर गर्मागर्म बहस और विवाद का गवाह भी बना। इस्लामाबाद के बल्लेबाज कॉलिन मुनरो ने मुल्तान के गेंदबाज इफ्तिखार अहमद के बॉलिंग एक्शन पर सवाल खड़े करते हुए अंपायर से ‘चकिंग’ की शिकायत दर्ज कर दी। मुनरो के इस आरोप से मैदान का माहौल गरमा गया और मामला काफी तनावपूर्ण हो गया।
मुनरो की शिकायत के बाद मुल्तान सुल्तान्स के कप्तान मोहम्मद रिजवान काफी नाराज हो गए और मुनरो से मैदान पर ही उलझ पड़े। दोनों खिलाड़ियों के बीच जमकर तू-तू, मैं-मैं हुई, जिसे शांत कराने के लिए अंपायर को बीच में आना पड़ा। यह घटना उस समय हुई जब इस्लामाबाद यूनाइटेड की पारी का 10वां ओवर चल रहा था। मुनरो ने आरोप लगाया कि इफ्तिखार का हाथ गेंदबाजी के दौरान पूरी तरह नहीं घूमा, जो नियमों के अनुसार अवैध बॉलिंग एक्शन माना जा सकता है।
इस घटना का अंत जुर्माने के रूप में हुआ। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने दोनों खिलाड़ियों पर अनुशासनहीनता के आरोप में मैच फीस का 30 प्रतिशत जुर्माना लगाया है। पीसीबी ने मुनरो और रिजवान को PSL के कोड ऑफ कंडक्ट के उल्लंघन का दोषी पाया। मैदान पर संयम न बरतने और खेल भावना के खिलाफ जाने की कीमत दोनों को चुकानी पड़ी है।
मैच की बात करें तो इस्लामाबाद यूनाइटेड ने मुल्तान सुल्तान्स को एकतरफा अंदाज़ में 7 विकेट से हरा दिया। पहले बल्लेबाजी करते हुए मुल्तान ने 20 ओवर में 5 विकेट पर 168 रन बनाए, जिसमें उस्मान खान ने 40 गेंदों में 61 रन की अहम पारी खेली। जवाब में इस्लामाबाद ने 17.1 ओवर में ही लक्ष्य हासिल कर लिया। एंड्रीस गौस ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 45 गेंदों में 80 रन ठोके, वहीं मुनरो ने 28 गेंदों में 45 रन की तेजतर्रार पारी खेली।
मुल्तान सुल्तान्स के लिए यह मैच सिर्फ हार ही नहीं बल्कि विवाद और असंतोष की छाया में बीता। इस सीजन में टीम का प्रदर्शन भी कुछ खास नहीं रहा है—मुल्तान ने अब तक खेले गए 5 मैचों में से 4 में हार का सामना किया है। टीम को अब न केवल अपने खेल बल्कि खिलाड़ियों के बर्ताव पर भी ध्यान देने की जरूरत है।
यह मैच क्रिकेट के रोमांच के साथ-साथ यह भी दर्शाता है कि मैदान पर भावनाओं को नियंत्रण में रखना कितना जरूरी होता है। PSL जैसे बड़े मंच पर खिलाड़ी का व्यवहार युवा दर्शकों के लिए उदाहरण बनता है—ऐसे में अनुशासनहीनता पर कठोर कार्रवाई बेहद जरूरी हो जाती है।