मुंबई, 29 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) अंतरिक्ष से पृथ्वी और चंद्रमा की ओर आने वाले खतरों से निपटने के लिए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) एक अभूतपूर्व और बेहद जोखिम भरी योजना पर विचार कर रही है। एक हालिया शोध पत्र के अनुसार, नासा एस्टेरॉइड 2024 YR4 को चंद्रमा से टकराने से रोकने के लिए परमाणु बम का इस्तेमाल कर सकती है। इस विशालकाय अंतरिक्ष चट्टान को नष्ट करने के लिए दो 100-किलोटन क्षमता वाले परमाणु बमों के उपयोग का प्रस्ताव दिया गया है।
क्या है एस्टेरॉइड 2024 YR4 का खतरा?
एस्टेरॉइड 2024 YR4 को पिछले साल दिसंबर में खोजा गया था। इसका व्यास (diameter) लगभग 53 से 67 मीटर के बीच है।
पृथ्वी का खतरा: प्रारंभिक गणनाओं में पाया गया था कि 2032 में इसके पृथ्वी से टकराने की 3% तक संभावना थी। हालांकि, बाद के अवलोकनों ने इस जोखिम को कम कर दिया है, जिससे पृथ्वी के तत्काल खतरे की आशंका लगभग समाप्त हो गई है।
चंद्रमा पर मंडराता संकट: वैज्ञानिकों का कहना है कि यह एस्टेरॉइड अब भी चंद्रमा की सतह से टकरा सकता है, जो एक नई समस्या खड़ी कर सकता है।
चंद्रमा का प्रभाव क्यों चिंताजनक है?
यदि 2024 YR4 चंद्रमा से टकराता है, तो इससे लूनर इजेक्टा ('Lunar Ejecta') नामक घटना होगी।
इस टक्कर से चंद्रमा की सतह की धूल और छोटे पत्थर अंतरिक्ष में उछलेंगे।
यह मलबा निचली पृथ्वी कक्षा (Lower Earth Orbit) में फैल जाएगा।
यह कण इतने छोटे होते हुए भी तेज गति के कारण अंतरिक्ष यात्रियों और उपग्रहों के लिए अत्यंत खतरनाक होंगे। ये छोटे कण अंतरिक्ष यानों को पंचर कर सकते हैं और महंगे स्पेससूट को नुकसान पहुँचा सकते हैं।
परमाणु विध्वंस की योजना
इस संभावित खतरे को टालने के लिए, नासा दो मुख्य दृष्टिकोणों पर विचार कर रही है: पथांतरण (Deflection) और पूर्ण विनाश (Near-complete Destruction)।
पथांतरण की चुनौती: एस्टेरॉइड की दिशा बदलने के लिए DART मिशन जैसा तरीका शुरू में विचाराधीन था, लेकिन इसकी सटीक द्रव्यमान (mass) की अनिश्चितता के कारण इसे अव्यावहारिक माना गया। वैज्ञानिकों का मानना है कि दिशा बदलने के प्रयास से अंतरिक्ष यात्रियों के लिए जोखिम बढ़ सकता है।
न्यूक्लियर विकल्प: शोधकर्ताओं ने एस्टेरॉइड को नष्ट करने के लिए दो 100-किलोटन क्षमता वाले परमाणु बम लॉन्च करने का प्रस्ताव रखा है।
ये बम द्वितीय विश्व युद्ध में हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए बमों की तुलना में 5 से 8 गुना अधिक शक्तिशाली होंगे।
इनमें से दूसरा बम बैकअप के रूप में कार्य करेगा, यदि पहला बम अपने लक्ष्य को हासिल करने में विफल रहता है।
वैज्ञानिकों ने यह भी उल्लेख किया है कि उनके वर्तमान परमाणु शस्त्रागार में मौजूद 1-मेगाटन क्षमता का एक बम भी 2024 YR4 को पूरी तरह से नष्ट करने के लिए पर्याप्त होगा।
अंतरिक्ष में परमाणु परीक्षण का इतिहास
हालांकि एस्टेरॉइड को नष्ट करने के उद्देश्य से मानव ने कभी अंतरिक्ष में परमाणु विस्फोट का परीक्षण नहीं किया है, लेकिन 1960 के दशक में अंतरिक्ष में एक न्यूक्लियर बम दागा गया था। यह योजना नासा के इतिहास में सबसे कठोर और सबसे उच्च-दांव वाले मिशनों में से एक को चिह्नित कर सकती है, जिसका उद्देश्य पृथ्वी के सबसे करीबी खगोलीय पड़ोसी चंद्रमा (Moon) को एक विनाशकारी टक्कर से बचाना है।