मुंबई, 25 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) भविष्य की उड़ान भरने वाले वाहन अब सिर्फ फिल्मों की कल्पना नहीं रहे। अमेरिका की एक विमानन स्टार्टअप कंपनी पिवोटल (Pivotal) ने एक ऐसे इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेकऑफ़ और लैंडिंग एयरक्राफ्ट यानी ईवीटीओएल (eVTOL) का अनावरण किया है, जो सुपरबाइक से भी हल्का है और इसे उड़ाने के लिए पायलट लाइसेंस की ज़रूरत नहीं होगी। यह छोटा, सिंगल-सीट (एक व्यक्ति के लिए) फ्लाइंग वाहन लगभग ₹1.6 करोड़ ($190,000) की शुरुआती कीमत पर उपलब्ध होगा, जो व्यक्तिगत उड़ान के शौकीनों के लिए एक नया क्षितिज खोलता है।
लाइसेंस-मुक्त उड़ान की वजह
इस ईवीटीओएल की सबसे बड़ी ख़ासियत यह है कि इसे अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) के नियमों के तहत अल्ट्रा-लाइट व्हीकल के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
सुरक्षा उपकरणों को छोड़कर इसका वज़न महज़ 115 किलोग्राम (254 पाउंड) है।
वज़न की यह सीमा जानबूझकर रखी गई है, क्योंकि अल्ट्रा-लाइट श्रेणी में आने के कारण इसे संचालित करने के लिए किसी भी पायलट लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होती है।
हालांकि, कंपनी इसे खरीदने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सिमुलेटर सत्रों सहित एक दो-सप्ताह का प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा करवाती है, ताकि वे सुरक्षित रूप से उड़ान भर सकें।
तकनीकी ख़ूबियां और डिज़ाइन
पिवोटल का यह ईवीटीओएल अपने डिज़ाइन में हेलीकॉप्टर और पारंपरिक विमानों से अलग है:
वर्टिकल टेकऑफ़ (Vertical Takeoff): पारंपरिक विमानों के विपरीत, इसे उड़ान भरने के लिए रनवे की आवश्यकता नहीं होती है। यह हेलीकॉप्टर की तरह सीधे ऊपर उठने के लिए आठ इलेक्ट्रिक प्रोपेलर का उपयोग करता है। कंपनी का दावा है कि अगर एक प्रोपेलर विफल भी हो जाता है, तो भी विमान सुरक्षित रूप से उड़ान भर सकता है।
क्षैतिज उड़ान (Horizontal Flight): हवा में आने के बाद, यह आगे की ओर झुकता है और 63 मील प्रति घंटे (लगभग 100 किमी प्रति घंटा) तक की गति से क्षैतिज उड़ान में परिवर्तित हो जाता है।
सरल नियंत्रण: पायलट एक सिंगल जॉयस्टिक और अंगूठे के नियंत्रण (thumb control) का उपयोग करता है। उड़ान भरने और उतरने की प्रक्रिया को पिवोटल के सॉफ्टवेयर द्वारा स्वचालित (automate) किया जाता है।
इसमें कई सेंसर लगे हैं जो विमान को तेज हवाओं के दौरान भी स्थिर रखने के लिए हवा का दबाव, वायु गति और स्थान की लगातार निगरानी करते हैं।
सीमाएं और भविष्य की योजना
अल्ट्रा-लाइट वर्गीकरण बनाए रखने के लिए, कंपनी को बैटरी क्षमता और ऑनबोर्ड उपकरणों को सीमित करना पड़ा है। इस कारण, वाहन में कुछ कमियां हैं:
सीमित उड़ान समय: यह एक बार फुल चार्ज होने पर केवल लगभग 20 मिनट या 32 किलोमीटर (20 मील) तक ही उड़ान भर सकता है।
सुरक्षा और संचार सुविधाओं की कमी: इसमें सर्टिफाइड विमानों में सामान्यतः पाए जाने वाले प्रकाश व्यवस्था, संचार रेडियो और अन्य द्वितीयक सुरक्षा उपाय शामिल नहीं हैं।
प्रतिबंधित संचालन: अल्ट्रा-लाइट नियमों के तहत, इसे भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों या अधिकांश कस्बों और शहरों के ऊपर उड़ाने की मनाही है।
पिवोटल का लक्ष्य इस वाहन को केवल मनोरंजन के लिए बेचना नहीं है, बल्कि एक स्केलेबल प्लेटफॉर्म को परिष्कृत करना है। कंपनी मानती है कि आज के अल्ट्रा-लाइट को बेहतर बनाने से ही भविष्य के बड़े, FAA-प्रमाणित कमर्शियल फ्लाइंग वाहनों का मार्ग प्रशस्त होगा, जिनमें अधिक रेंज और पेलोड क्षमता होगी।