मुंबई, 21 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन) कुछ ही महीनों पहले AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के क्षेत्र में लाखों डॉलर खर्च करने और बड़े पैमाने पर हायरिंग करने के बाद, टेक दिग्गज मेटा (Meta) में अचानक से AI इंजीनियरों की छंटनी और उनकी भूमिकाओं में बदलाव की खबरें सामने आ रही हैं। इस कदम ने AI के कथित 'बूम' और इसके भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुनर्गठन और संभावित छंटनी
रिपोर्ट्स के अनुसार, मेटा अपने AI डिवीजन को पुनर्गठित कर रहा है, जिसे अब मेटा सुपरइंटेलिजेंस लैब्स (MSL) नाम दिया गया है। इस डिवीजन को चार अलग-अलग टीमों में बांटा जा रहा है, जो रिसर्च, प्रोडक्ट और इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान केंद्रित करेंगी। हालांकि, इस पुनर्गठन का उद्देश्य दक्षता बढ़ाना और काम की डुप्लीकेशन को रोकना हो सकता है, लेकिन संभावित छंटनी की खबरों ने कर्मचारियों में अनिश्चितता पैदा कर दी है।
GPT-5 लॉन्च में देरी और उद्योग में सुस्ती
मेटा की इस खबर के साथ ही, ओपनएआई के GPT-5 की लॉन्चिंग में देरी भी सामने आई है। ये दोनों घटनाएँ इस बहस को हवा दे रही हैं कि क्या AI उद्योग में मंदी आ रही है। MIT के एक अध्ययन का हवाला देते हुए लेख में कहा गया है कि AI के पायलट प्रोजेक्ट्स से राजस्व (revenue) कमाने की सफलता दर बहुत कम रही है। इसके अलावा, OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन (Sam Altman) ने भी स्वीकार किया है कि AI का यह क्षेत्र एक 'बुलबुले' (bubble) में हो सकता है।
वास्तविकता या सिर्फ पुनर्गठन?
विशेषज्ञों का मानना है कि भले ही ये संकेत चिंताजनक लग रहे हों, लेकिन यह भी संभव है कि मेटा का यह कदम सिर्फ एक सामान्य पुनर्गठन हो। इसका उद्देश्य कंपनी के भीतर AI परियोजनाओं को और अधिक कुशल बनाना हो सकता है, न कि AI की महत्वाकांक्षाओं से पीछे हटना।
निष्कर्ष
मेटा द्वारा AI इंजीनियर्स की छंटनी और इंडस्ट्री में अन्य संकेतों से यह स्पष्ट है कि AI का क्षेत्र अब 'अति-उत्साह' (hype) के चरण से 'वास्तविकता' (reality) की ओर बढ़ रहा है। कंपनियों को अब यह साबित करना होगा कि उनके AI प्रोजेक्ट्स केवल तकनीकी चमत्कार नहीं, बल्कि वास्तविक और लाभदायक व्यापार मॉडल भी हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह 'बूम' समाप्त हो रहा है, या यह केवल एक नए, अधिक परिपक्व चरण की शुरुआत है।