कांगो की सेना ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए विद्रोहियों के चंगुल में फंसे करीब 41 बंधकों को मुक्त कराया है। इस अभियान में कांगो सेना ने पूर्वी क्षेत्र में चरमपंथियों के साथ भीषण संघर्ष लड़ा और इस्लामिक स्टेट से जुड़े विद्रोहियों के कब्जे से इन बंधकों को बचाया।
उत्तर कीवू प्रांत के सैन्य प्रवक्ता माक हजुके ने शुक्रवार को बताया कि 13 महिलाओं और कई विदेशी नागरिकों सहित 41 बंधकों को युगांडा के सैनिकों के साथ संयुक्त सैन्य अभियान में लुबेरो और बेनी क्षेत्रों से मुक्त कराया गया। इन बंधकों को विद्रोही संगठन ‘एलाइड डेमोक्रेटिक फोर्सेज’ (ADF) के कब्जे से छुड़ाया गया।
यह बंधक बेहद थके और कमजोर दिखाई दे रहे थे, और हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि उन्हें कब से बंधक बनाकर रखा गया था, संघर्ष प्रभावित क्षेत्र में बंधकों को अक्सर महीनों तक कैद रखा जाता है।
परिवारों का स्वागत
बंधकों के रिहा होने के बाद उनके परिवारों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। पेपिन कावोटा, जो बेनी में एक नागरिक संगठन से जुड़े हैं, ने परिवारों से आग्रह किया कि वे बंधकों का स्वागत करें और उन्हें सामान्य जीवन जीने में मदद करें। उन्होंने संयुक्त सैन्य अभियान की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के अभियानों ने पिछले कुछ वर्षों में सैकड़ों बंधकों को मुक्त कराया है।
ADF और कांगो में हिंसा
‘एलाइड डेमोक्रेटिक फोर्सेज’ (ADF) एक चरमपंथी समूह है, जो कांगो के खनिज-समृद्ध लेकिन संघर्ष प्रभावित पूर्वी क्षेत्र में दशकों से हिंसा फैलाने में संलिप्त है। इस समूह के कारण कांगो दुनिया के सबसे खराब मानवीय संकटों का सामना कर रहा है, और इस प्रकार के अभियानों से स्थानीय नागरिकों के लिए एक आशा की किरण बनती है।