मुंबई, 28 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के उत्तरी वजीरिस्तान जिले में शनिवार को एक भीषण आत्मघाती हमला हुआ, जिसमें पाकिस्तानी सेना के 13 जवान मारे गए और 10 सैनिकों समेत 19 नागरिक घायल हो गए। हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान-तालिबान से जुड़े हाफिज गुल बहादुर ग्रुप ने ली है। न्यूज एजेंसी AFP के अनुसार, हमलावर ने विस्फोटकों से भरी गाड़ी सैन्य काफिले में घुसा दी, जिससे जबरदस्त धमाका हुआ। विस्फोट की तीव्रता इतनी अधिक थी कि आसपास के दो मकानों की छतें ढह गईं और छह बच्चे घायल हो गए। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत को पाकिस्तानी तालिबान यानी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) का गढ़ माना जाता है। यह वही इलाका है जहां TTP पहले भी कई आतंकी हमले कर चुकी है। हाल ही में, 24 जून को TTP ने दक्षिणी वजीरिस्तान में एक और हमला किया था जिसमें पाकिस्तानी सेना के दो अफसर मारे गए थे। उनमें से एक अफसर मोइज अब्बास भी था, जिसने 2019 में भारतीय विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद पकड़ा था।
बालाकोट एयर स्ट्राइक के अगले दिन, 27 फरवरी 2019 को पाकिस्तान की वायुसेना ने भारतीय हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश की थी। इस दौरान भारतीय वायुसेना ने जवाबी कार्रवाई में ऑपरेशन चलाया, जिसमें विंग कमांडर अभिनंदन ने मिग-21 बाइसन से पाकिस्तान के एफ-16 फाइटर जेट को मार गिराया। हालांकि उनका विमान भी दुर्घटनाग्रस्त होकर पाकिस्तान में गिरा, जिसके बाद उन्हें पाकिस्तानी सेना ने पकड़ लिया था। TTP की शुरुआत 2007 में तब हुई जब अमेरिकी सेना द्वारा अफगानिस्तान में कार्रवाई और पाकिस्तान की सेना द्वारा इस्लामाबाद की लाल मस्जिद से चरमपंथियों को बाहर निकालने के बाद, कई आतंकी गुटों ने एकजुट होकर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) का गठन किया। यह संगठन अब तक पाकिस्तान में सबसे खतरनाक आतंकी संगठनों में गिना जाता है। अमेरिका की कार्रवाई से बचने के लिए अफगान सीमा से लगे कबाइली इलाकों में छिपे आतंकी धीरे-धीरे एकजुट हुए और बेयतुल्लाह मेहसूद की अगुवाई में यह संगठन बना, जिसने अब तक पाकिस्तान में कई बड़े हमलों को अंजाम दिया है।