वैदिक ज्योतिष के अनुसार गुरु ग्रह (बृहस्पति) का अस्त होना एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना मानी जाती है। वर्ष 2025 में यह घटना गुरुवार, 12 जून की सुबह 7:56 बजे से शुरू होकर बुधवार, 9 जुलाई की सुबह 4:44 बजे तक चलेगी। यानी कुल 27 दिनों तक गुरु ग्रह अस्त अवस्था में रहेंगे। इस अवधि को धार्मिक, सामाजिक और मांगलिक कार्यों के लिए वर्जित माना गया है।
विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, यज्ञोपवीत संस्कार जैसे शुभ कार्यों पर इस समय विराम लग जाता है। लेकिन गुरु के अस्त होने का यह समय सभी के लिए नकारात्मक नहीं होता। ज्योतिषाचार्य हर्षवर्धन शांडिल्य के अनुसार, यह ग्रह स्थिति तीन राशियों के लिए अत्यंत शुभ संकेत लेकर आ रही है।
आईए जानते हैं इन 3 भाग्यशाली राशियों के लिए यह समय कैसे खास साबित हो सकता है:
1. मेष राशि (Aries)
गुरु के अस्त होते ही मेष राशि के जातकों के जीवन में एक आंतरिक परिवर्तन देखने को मिलेगा। यह समय आपके लिए आत्मनिरीक्षण, आत्मविकास और मानसिक मजबूती का है।
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करियर के क्षेत्र में कई रुके हुए कार्य गति पकड़ सकते हैं। कोई पुराना सहकर्मी या संपर्क आपके लिए नई संभावनाओं के द्वार खोल सकता है।
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सरकारी नौकरी वाले जातकों के लिए पदोन्नति और स्थानांतरण के योग हैं।
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व्यापारियों के लिए नई साझेदारियों की योजना बन सकती है, जो दीर्घकालिक लाभ पहुंचाएगी।
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इस दौरान आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता का विशेष महत्व रहेगा। आपके निर्णय आपको सामाजिक और आर्थिक रूप से आगे बढ़ाएंगे।
सावधानी: विवाह जैसे मांगलिक कार्यों से बचें, लेकिन व्यवसायिक समझौते आगे चलकर अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकते हैं।
2. कर्क राशि (Cancer)
गुरु के अस्त काल में कर्क राशि के जातकों की छठी इंद्रिय (Intuition) बहुत तीव्र हो जाती है। यह समय आपके लिए अंतरदृष्टि और आत्मचिंतन का रहेगा।
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कार्यक्षेत्र में नई ज़िम्मेदारियां और चुनौतियां आपको मिल सकती हैं, लेकिन आप उन्हें आत्मविश्वास से पूरा कर पाएंगे।
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नौकरीपेशा लोगों के लिए यह समय वेतन वृद्धि और प्रमोशन की ओर इशारा करता है।
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व्यापारियों को विदेशी स्रोतों से फायदा होने के योग हैं। ऑनलाइन या आयात-निर्यात से जुड़े कार्यों में तेजी आ सकती है।
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छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए भी यह समय एकाग्रता और सफलता से जुड़ा है।
सलाह: इस समय को अपनी योजनाओं को साफ़ करने और भविष्य की दिशा तय करने के लिए उपयोग करें। आत्ममंथन आपको बड़ी उपलब्धियों की ओर ले जा सकता है।
3. तुला राशि (Libra)
तुला राशि के लिए गुरु का अस्त होना छुपे हुए अवसरों और प्रोफेशनल ग्रोथ का काल है।
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जो जातक कला, फैशन, मीडिया, डिज़ाइन या कानून जैसे क्षेत्रों में हैं, उनके लिए यह समय बिना शोर-शराबे के बड़ी सफलता दिला सकता है।
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आपकी डिप्लोमैटिक स्किल्स और संतुलन बनाए रखने की क्षमता आपको कठिन परिस्थितियों से सहजता से निकाल देगी।
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निवेश के लिए यह समय अनुकूल है, बशर्ते आप उचित रिसर्च और सोच-विचार के बाद ही कदम उठाएं।
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आपके अंदर इस दौरान एक गुप्त ऊर्जा काम करेगी, जिससे आप दूसरों से बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे।
सुझाव: इस समय का उपयोग करियर प्लानिंग और लंबे समय के निवेश की रणनीति बनाने में करें। यह समय आपकी प्रोफेशनल छवि को निखार सकता है।
निष्कर्ष
जहां एक ओर गुरु का अस्त काल आमतौर पर धार्मिक दृष्टि से मांगलिक कार्यों पर प्रतिबंध लगाने वाला होता है, वहीं दूसरी ओर यह कुछ राशियों के लिए आंतरिक विकास, करियर विस्तार और व्यावसायिक सफलता का अनूठा समय भी बन सकता है।
मेष, कर्क और तुला राशि के जातकों को चाहिए कि वे इस 27 दिन की अवधि को सकारात्मक रूप से आत्मविश्लेषण, लक्ष्य निर्धारण और रणनीति निर्माण के लिए उपयोग करें।
ध्यान रखें, ज्योतिष में हर ग्रह की स्थिति हमें एक संकेत और दिशा देती है, निर्णय और कर्म तो हमारे ही होते हैं। इस गुरु अस्त काल में भी अगर आप धैर्य और विवेक से काम लें, तो यह समय आपकी आर्थिक, मानसिक और सामाजिक स्थिति को मजबूत करने वाला साबित हो सकता है।
शुभ ग्रहों की कृपा आप पर बनी रहे।
- ज्योतिष विशेष रिपोर्ट