Aaj ka Panchang 13 December 2024: आज है शुक्र प्रदोष व्रत, नोट करें दिन के शुभ-अशुभ मुहूर्त

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Posted On:Friday, December 13, 2024

🌕🌞 श्री सर्वेश्वर पञ्चाङ्गम् 🌞 🌕
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🚩🔱 धर्मो रक्षति रक्षितः🔱 🚩
🌅पंचांग-13.12.2024🌅
युगाब्द - 5125
संवत्सर - कालयुक्त
विक्रम संवत् -2081
शाक:-1946
ऋतु- हेमंत__दक्षिणायण
मास - मार्गशीर्ष_शुक्ल पक्ष
वार _ शुक्रवार
तिथि_त्रयोदशी 19:39:31
नक्षत्र भरणी 07:49:09
नक्षत्र कृत्तिका 29:46:55
योग शिव 11:52:57
करण कौलव 09:02:35
करण तैतुल 19:39:31
करण गर 30:17:41
चन्द्र राशि -मेष till 13:18:15
चन्द्र राशि - वृषभ from 13:18
सूर्य राशि - वृश्चिक

🚩🌺 आज विशेष 🌺🚩
✍️ प्रदोष व्रत

🍁 अग्रिम (आगामी) पर्वोत्सव 🍁

🔅 सत्य पूर्णिमा व्रत
. 15 दिसंबर 2024
(रविवार)
🔅 चतुर्थी व्रत
. 18 दिसंबर 2024
(बुधवार)
🔅 सफला एकादशी व्रत
. 26 दिसंबर 2024
(गुरुवार)
🔅 प्रदोष व्रत
. 28 दिसंबर 2024
(शनिवार)
🔅 देव पितृ सोमवती अमावस
. 30 दिसंबर 2024
(सोमवार)

🕉️🚩 यतो धर्मस्ततो जयः🚩🕉️

💐ईश्वर पर विश्वास💐

ऋषिकेश में गंगा जी के किनारे एक संत रहा करते थे।

वह जन्मांध थे और उनका नित्य का एक नियम था कि वह शाम के समय ऊपर गगन चुंबी पहाड़ों में भ्रमण करने के लिये निकल जाते और हरी नाम का संकीर्तन करते जाते।

एक दिन उनके एक शिष्य ने उनसे पूछा बाबा आप हर रोज इतने ऊंचे ऊंचे पहाड़ों पर भ्रमण हेतु जाते हैं।

वहां बहुत गहरी गहरी खाइयां भी हैं।

और आपको आंखों से दिखलाई नहीं देता।

क्या आपको डर नहीं लगता ?

अगर कभी पांव लड़खड़ा गये तो ?

बाबा ने कुछ नहीं कहा और शाम के समय शिष्य को साथ ले चले।

पहाड़ों के मध्य थे तो बाबा ने शिष्य से कहा जैसे ही कोई गहरी खाई आये तो बताना।

दोनों चलते रहे और जैसे ही गहरी खाई आयी शिष्य ने बताया कि बाबा गहरी खाई आ चुकी है।

बाबा ने कहा मुझे इसमें धक्का दे दे।

अब तो शिष्य इतना सुनते ही सकपका गया।

उसने कहा बाबा मैं आपको धक्का कैसे दे सकता हूँ।

मैं ऐसा हरगिज नहीं कर सकता।

आप तो मेरे गुरुदेव हैं मैं तो किसी अपने शत्रु को भी इस खाई में नहीं धकेल सकता।

बाबा ने फिर कहा मैं कहता हूं कि मुझे इस खाई में धक्का दे दो।

यह मेरी आज्ञा है और मेरी आज्ञा की अवहेलना करोगे तो नर्क गामी होगे।

शिष्य ने कहा बाबा मैं नर्क भोग लूंगा मगर आपको हरगिज इस खाई में नहीं धकेल सकता।

तब बाबा ने शिष्य से कहा रे नादान बालक जब तुझ जैसा एक साधारण प्राणी मुझे खाई में नहीं धकेल सकता तो बता मेरा मालिक भला कैसे मुझे खाई में गिरने देगा।

उसे तो सिर्फ गिरे हुओं को उबारना आता है गिरे हुओं को उठाना आता है वह कभी भी किसी को गिरने नहीं देता।

वह पल पल हमारे साथ है बस हमें विश्वास रखना होगा उस पर।

जय जय श्री सीताराम👏
जय जय श्री ठाकुर जी की👏
(जानकारी अच्छी लगे तो अपने इष्ट मित्रों को जन हितार्थ अवश्य प्रेषित करें।)
ज्यो.पं.पवन भारद्वाज(मिश्रा)
व्याकरणज्योतिषाचार्य
पुजारी -श्री राधा गोपाल मंदिर (जयपुर)


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