फेक न्यूज की पहचान और उसका खंडन (debunking) करने का एक अच्छा उदाहरण है। आइए इसे संक्षेप में और स्पष्ट ढंग से समझते हैं, ताकि लोग ऐसे झूठे दावों से बच सकें:
क्या हुआ वायरल?
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एक वीडियो जिसमें सड़क अचानक धंस जाती है, पानी भरने लगता है और पास की एक इमारत गिर जाती है।
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कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने दावा किया कि यह वीडियो दिल्ली का है और इसका कारण अंडरग्राउंड मेट्रो निर्माण है।
फैक्ट चेक में क्या निकला?
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गूगल रिवर्स इमेज सर्च से पता चला कि यह वीडियो दिल्ली का नहीं बल्कि थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक का है।
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घटना वजीरा अस्पताल मेट्रो स्टेशन के पास हुई थी, जहां मेट्रो टनल प्रोजेक्ट (Purple Line) के चलते जमीन धंसी।
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BBC और Aaj Tak जैसी विश्वसनीय न्यूज एजेंसियों ने इस घटना को कवर किया था।
असली लोकेशन
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सामसेन रोड, बैंकॉक, थाईलैंड
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वजीरा अस्पताल और सामसेन मेट्रोपॉलिटन पुलिस स्टेशन के पास
सबक क्या है?
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सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हर जानकारी सच नहीं होती।
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फैक्ट चेकिंग टूल्स (जैसे रिवर्स इमेज सर्च) का इस्तेमाल कर सच्चाई का पता लगाया जा सकता है।
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बिना पुष्टि किए भ्रामक पोस्ट शेयर करने से बचें। इससे अफवाहें फैलती हैं और समाज में डर का माहौल बनता है।
लोगों के लिए संदेश
“सोशल मीडिया पर कोई भी वीडियो या खबर देखकर तुरंत विश्वास न करें। जब तक किसी विश्वसनीय स्रोत से पुष्टि न हो जाए, तब तक उसे सच मानने से बचें।”
अगर आप चाहें, तो मैं आपको फेक न्यूज पहचानने के कुछ आसान टिप्स भी दे सकता हूं।