इन दिनों सोशल मीडिया पर ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि, एक बिल के जरिए खुफिया विभाग को और ताकत दी जा रही है, जिसके तहत वह किसी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा सकता है और मामले की जांच कर सकता है और इतना ही नहीं, खुफिया विभाग लोगों को पूछताछ के लिए कभी भी और कहीं भी बुला सकता हैं । आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, ये दावा कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में हो रहा है । इतना ही नहीं इसके बारे में ऐसा कहा जा रहा है कि, ऐसा बिल संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है । ऐसे में पीआईबी फैक्ट चेक ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा पूरी तरह से फर्जी है।
इस वायरल मैसेज के बारे में पीआईबी की टीम ने ट्वीट कर इस मैसेज को शेयर किया है । इस संदेश में कहा जा रहा है कि, सरकार खुफिया ब्यूरो को यह अधिकार देने जा रही है कि वे पूछताछ के लिए किसी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कह सकते हैं । इस मैसेज के बारे में पीआईबी फैक्ट चेक ने स्क्रीन शॉट भी शेयर किया है और इसे पूरी तरह से फर्जी बताया है । इसके आगे पीआईबी की टीम ने कहा है कि ये दावा पूरी तरह से फर्जी हैं और इसके आगे कहा है कि, सरकार ऐसा कोई फैसला नहीं करने जा रही है।