पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार देश के बेरोजगार युवाओं के हित पर विचार करने में लगी हुई है और इसके लिए सरकार ने घोषणा की है कि ऐसे हर व्यक्ति को हर महीने भत्ता दिया जाने वाला है, अगर आपने भी ऐसा काम किया है . अगर आपने मैसेज ऑनलाइन पढ़ा है तो यह खबर आपके लिए जरूरी है। अगर आपको भी यह मैसेज सोशल मीडिया या इंस्टैंट मैसेजिंग सर्विस प्लेटफॉर्म के जरिए मिला है, तो जरूरत है कि इधर-उधर की जानकारी जुटाने की बजाय इस मैसेज की हकीकत जान ली जाए। इस मैसेज की प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो ने फैक्ट चेक के जरिए पड़ताल की और कुछ चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।
दरअसल, कुछ समय से व्हाट्सऐप के जरिए एक मैसेज वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि पीएम बेरोजगारी भत्ता योजना नाम की केंद्र सरकार की एक योजना है. इस योजना के तहत केंद्र सरकार देश के बेरोजगार युवाओं को 3500 रुपये प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता भी प्रदान कर रही है। वाट्सएप पर वायरल हुए इस मैसेज ने बड़ी संख्या में युवाओं को इससे जुड़ी जानकारियां जुटाने और जगह-जगह संपर्क करने पर मजबूर कर दिया है. बेरोजगारी भत्ते के लालच में युवा भी बिना जाने प्रमाण पत्र आदि लेने लगे हैं।
#PIBFactCheck
️यह मैसेज फेक है
️ भारत सरकार ऐसी कोई योजना नहीं चला रही है
️ कृपया ऐसे संदेशों को आगे न भेजें"
इस मैसेज के साथ एक तस्वीर भी पोस्ट की गई है, जिसमें स्कैम अलर्ट लिखा हुआ है। इस फोटो के जरिए लोगों को मिले मैसेज के बारे में बताया गया है. बता दें कि प्रधानमंत्री बेरोजगारी भत्ता योजना 2022 के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका है, इस योजना के तहत बेरोजगार युवाओं को हर महीने 3500 रुपये दिए जाने वाले हैं। इसके साथ ही पीआईबी फैक्ट चेक ने साफ शब्दों में पोस्ट किया है कि यह स्कीम फेक है। यानी इस योजना की हकीकत को फैक्ट चेक के जरिए पेश किया गया और लोगों से यह भी कहा गया है कि उन्हें मिलने वाले किसी भी मैसेज पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं करना चाहिए और किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले सौ बार सोचना चाहिए । अगली बार से, यदि आप भी किसी संदेश की सत्यता के बारे में सुनिश्चित नहीं हैं, तो उस संदेश से संबंधित तथ्यों को जानने के लिए कू ऐप पर पीआईबी फैक्ट चेक पेज पर जाना बेहतर होगा ।