जब वैश्विक मुद्रा की 'ताकत' की बात आती है, तो आम धारणा अक्सर अमेरिकी डॉलर (USD) या यूरो (EUR) पर केंद्रित होती है। हालांकि, वित्तीय वर्ष 2025 के शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, यह धारणा सच्चाई से कोसों दूर है। मुद्रा बाज़ार का वास्तविक मूल्यांकन इस बात से होता है कि किसी देश की स्थानीय मुद्रा की एक इकाई अन्य विदेशी मुद्राओं, विशेष रूप से अमेरिकी डॉलर, के मुकाबले कितनी अधिक क्रय शक्ति रखती है। साल 2025 में, दुनिया की सबसे मज़बूत मुद्राएँ आश्चर्यजनक रूप से कुछ छोटे, अक्सर तेल-समृद्ध (Oil-Rich), खाड़ी देशों और स्थिर यूरोपीय राष्ट्रों से आती हैं। इन मुद्राओं की उच्च क्रय शक्ति का कारण उनकी सख्त आर्थिक नीतियां, कम मुद्रास्फीति दर, कठोर पूंजी नियंत्रण और सबसे महत्वपूर्ण, अमेरिकी डॉलर के साथ मुद्रा पेग (Currency Peg) की व्यवस्था है।
टॉप 10: जहाँ डॉलर भी फीका पड़ जाता है
वैश्विक प्रभाव या कारोबार की मात्रा के बजाय, प्रति इकाई क्रय शक्ति के आधार पर, दुनिया की टॉप 10 सबसे मज़बूत मुद्राओं की सूची चौंकाने वाली है। इस सूची में शीर्ष स्थान पर खाड़ी देशों का वर्चस्व है, जिसने पारंपरिक रूप से मजबूत माने जाने वाले यूरो और डॉलर को पीछे छोड़ दिया है।
	
		
			| रैंक | 
			करेंसी का नाम | 
			देश/क्षेत्र | 
			USD के मुकाबले ताकत का कारण | 
		
	
	
		
			| 1. | 
			कुवैती दिनार (KWD) | 
			कुवैत | 
			भारी तेल निर्यात और अमेरिकी डॉलर के साथ पेग। | 
		
		
			| 2. | 
			बहरीन दिनार (BHD) | 
			बहरीन | 
			डॉलर से पेग, तेल निर्यात और बैंकिंग क्षेत्र की मजबूती। | 
		
		
			| 3. | 
			ओमानी रियाल (OMR) | 
			ओमान | 
			तेल भंडार और अमेरिकी डॉलर से पेग। | 
		
		
			| 4. | 
			जॉर्डनियन दिनार (JOD) | 
			जॉर्डन | 
			अमेरिकी डॉलर से पेग और आर्थिक स्थिरता। | 
		
		
			| 5. | 
			ब्रिटिश पाउंड स्टर्लिंग (GBP) | 
			यूनाइटेड किंगडम | 
			प्रमुख वैश्विक व्यापारिक मुद्रा और ऐतिहासिक ताकत। | 
		
		
			| 6. | 
			जिब्राल्टर पाउंड (GIP) | 
			जिब्राल्टर | 
			GBP के साथ समतुल्य (Parity) पर पेग। | 
		
		
			| 7. | 
			स्विस फ्रैंक (CHF) | 
			स्विट्जरलैंड | 
			वैश्विक संकट के समय सुरक्षित पनाहगाह (Safe Haven) संपत्ति। | 
		
		
			| 8. | 
			केमैन आइलैंड्स डॉलर (KYD) | 
			केमैन आइलैंड्स | 
			डॉलर से पेग, अपतटीय वित्तीय सेवाओं का केंद्र। | 
		
		
			| 9. | 
			यूरो (EUR) | 
			यूरोजोन | 
			दुनिया की सबसे अधिक कारोबार वाली मुद्राओं में से एक। | 
		
		
			| 10. | 
			अमेरिकी डॉलर (USD) | 
			संयुक्त राज्य अमेरिका | 
			वैश्विक आरक्षित मुद्रा, तेल व्यापार में उपयोग। | 
		
	
खाड़ी देशों का प्रभुत्व: पेग और तेल का खेल
सूची में शीर्ष तीन स्थानों पर खाड़ी देशों के कब्ज़ा करने का मुख्य कारण उनकी तेल-आधारित अर्थव्यवस्था और स्थिर विनिमय दर (Fixed Exchange Rate) नीति है।
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कुवैती दिनार (KWD): दुनिया की सबसे मज़बूत करेंसी होने के पीछे कुवैत का विशाल तेल भंडार और अमेरिकी डॉलर के साथ किया गया मूल्य निर्धारण (Peg) प्रमुख कारण हैं। कुवैत, जो दुनिया में सबसे कम बेरोज़गारी दर में से एक रखता है, अपने विदेशी मुद्रा भंडार को डॉलर से जोड़कर अपनी मुद्रा को अत्यधिक स्थिर और मज़बूत बनाए रखता है।
	 
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बहरीन और ओमान: बहरीन दिनार (BHD) और ओमानी रियाल (OMR) भी अपनी तेल-समृद्ध अर्थव्यवस्थाओं के बल पर अमेरिकी डॉलर से मज़बूती से जुड़े हुए हैं। कम मुद्रास्फीति और सख्त पूंजी नियंत्रण इन मुद्राओं को अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में उच्च मूल्य देते हैं।
	 
यूरोपीय और वित्तीय केंद्र
सूची में कुछ यूरोपीय मुद्राएँ भी अपनी ऐतिहासिक स्थिरता और आर्थिक विश्वसनीयता के कारण उच्च स्थान रखती हैं:
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स्विस फ्रैंक (CHF): स्विट्जरलैंड की राजनीतिक तटस्थता, सख्त बैंकिंग नियम और शून्य-मुद्रास्फीति की प्रवृत्ति इसे वैश्विक आर्थिक संकटों के दौरान निवेशकों के लिए सबसे सुरक्षित पनाहगाह (Safe Haven) मुद्रा बनाती है।
	 
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ब्रिटिश पाउंड स्टर्लिंग (GBP): ब्रेक्सिट के बाद की चुनौतियों के बावजूद, GBP अपनी ऐतिहासिक भूमिका और लंदन को एक वैश्विक वित्तीय केंद्र के रूप में बनाए रखने के कारण शीर्ष 5 में बना हुआ है।
	 
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केमैन आइलैंड्स डॉलर (KYD): कैरिबियाई द्वीप होने के बावजूद, यह अपनी व्यापक अपतटीय वित्तीय सेवाओं और अमेरिकी डॉलर से मज़बूती से जुड़े होने के कारण मज़बूत है।
	 
भारतीय रुपया: उभरती शक्ति
जहां भारतीय रुपया (INR) शीर्ष 10 में नहीं है, लेकिन यह वैश्विक मुद्राओं की इस लंबी सूची में शीर्ष 20 में अपनी जगह बनाए हुए है। यह तथ्य भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, बढ़ते विदेशी मुद्रा भंडार और निर्यात क्षेत्र की मजबूती को दर्शाता है। हालांकि, भारतीय रुपया फ्लोटिंग एक्सचेंज रेट (Floating Exchange Rate) पर आधारित है और डॉलर के मुकाबले इसका मूल्यांकन देश की आर्थिक नीतियों, विदेशी निवेश और मुद्रास्फीति पर निर्भर करता है, जिस कारण इसकी क्रय शक्ति स्थिर मुद्रा पेग वाली मुद्राओं से कम रहती है।