ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान को समर्थन देने वाले तुर्की को भारत में लगातार कई तरह की प्रतिक्रियाओं का सामना करना पड़ रहा है। भारत के लोगों द्वारा तुर्की के प्रोडक्ट्स और पर्यटन का बहिष्कार किया जा रहा है। वहीं, भारतीय विमानन सुरक्षा ब्यूरो (Bureau of Civil Aviation Security - BCAS) ने राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तुर्की की प्रमुख ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी है।
सेलेबी एविएशन का जवाब — “हम निष्पक्ष और भारतीय कानूनों के तहत संचालित कंपनी हैं”
भारत सरकार के इस कदम के बाद सेलेबी एविएशन ने प्रतिक्रिया दी है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने सोशल मीडिया पर फैल रही ‘गलत और भ्रामक जानकारी’ को खारिज करते हुए कहा कि वे पूरी तरह से भारतीय कानूनों के अंतर्गत कार्यरत, पेशेवर और निष्पक्ष संगठन हैं। कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि वे किसी विदेशी सरकार, राजनीतिक दल या व्यक्ति से जुड़े नहीं हैं।
कोई राजनीतिक संबंध नहीं, तुर्की के राष्ट्रपति की बेटी से भी इनकार
सेलेबी एविएशन ने बताया कि उनका 65% स्वामित्व अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के पास है, जिनमें कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर, यूएई और यूरोप के देशों के निवेशक शामिल हैं। इस 65% में 15% हिस्सेदारी डच कंपनी ‘Alpha Airport Services BV’ की है, जबकि तुर्की के सेलेबिओग्लू परिवार के दो सदस्य — जान और कैनन सेलेबिओग्लू — संयुक्त रूप से 35% हिस्सेदारी रखते हैं। दोनों का किसी राजनीतिक संगठन से कोई संबंध नहीं है।
कंपनी ने तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन की बेटी सुमेये एर्दोआन से अपने किसी भी संबंध या निवेश को पूरी तरह खारिज किया है और इसे निराधार बताया है।
भारत में 15 वर्षों से कार्यरत, हजारों को रोजगार दे रही कंपनी
सेलेबी एविएशन पिछले 15 वर्षों से भारत के नौ प्रमुख हवाई अड्डों पर ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो सेवाएं प्रदान कर रही है। कंपनी ने अब तक 220 मिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया है और लगभग 10,000 भारतीयों को रोजगार दिया है।
सेलेबी एविएशन का भारत में विस्तार
कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, सेलेबी हर साल 58,000 से अधिक उड़ानों और 5,40,000 टन कार्गो को संभालती है। इसके लगभग 7,800 कर्मचारी हैं।
सेलेबी ने साल 2008 में मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ग्राउंड हैंडलिंग सेवाएं देना शुरू किया था। इसके बाद धीरे-धीरे दिल्ली, कोचीन, कन्नूर, बैंगलोर, हैदराबाद, गोवा, अहमदाबाद और चेन्नई जैसे अन्य प्रमुख एयरपोर्ट्स तक अपना नेटवर्क बढ़ाया।
निष्कर्ष
राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से भारत सरकार ने सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज की सुरक्षा मंजूरी रद्द करके एक कड़ा संदेश दिया है। वहीं कंपनी ने खुद को भारतीय हितों से जुड़े एक पारदर्शी और पेशेवर संगठन के रूप में स्थापित करने का प्रयास किया है। आगामी समय में इस मामले का और विस्तार देखने को मिल सकता है।