सोनम और राजा रघुवंशी केस जैसी घटनाओं के बाद युवा वर्ग में शादी और उससे जुड़ी सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ रही है। इसी कड़ी में अब प्रेनप्शियल एग्रीमेंट (Prenuptial Agreement) या संक्षेप में प्रे-नप का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है।
प्रेनप्शियल एग्रीमेंट क्या है?
प्रे-नप एक कानूनी दस्तावेज होता है, जिसे शादी से पहले दो लोग आपस में करते हैं। इसमें यह तय किया जाता है कि अगर भविष्य में किसी कारण तलाक होता है तो संपत्ति, पैसे, और जिम्मेदारियों का बंटवारा कैसे होगा। यह समझौता कपल के बीच पारदर्शिता और भरोसे को मजबूत करता है और शादी के बाद किसी विवाद से बचाने का काम करता है।
कौन-कौन से देश प्रे-नप कानून लागू करते हैं?
फिलहाल भारत में प्रे-नप कानून नहीं है, लेकिन तलाक के बढ़ते मामलों को देखते हुए चर्चा चल रही है।
यूएई (United Arab Emirates) में 2021 से यह कानून लागू है, जहां विशेष रूप से गैर-मुस्लिम विदेशी कपल्स के लिए सिविल मैरिज और प्रे-नप को कानूनी मान्यता मिली है।
इसके अलावा प्रे-नप कानून निम्न देशों में भी लागू है:
प्रे-नप का मकसद क्या है?
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कपल के बीच वित्तीय समझौते को स्पष्ट करना
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शादी के बाद आपसी जिम्मेदारी और अधिकारों को बांटना
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तलाक की स्थिति में विवादों को कम करना
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रिश्ते को मजबूत और पारदर्शी बनाना
यूएई का उदाहरण
यूएई ने 2021 में लॉ नंबर 14 और 2022 में नया रेजोल्यूशन लागू किया। इन कानूनों से कपल्स को सिविल मैरिज और प्रे-नप की कानूनी मान्यता मिली, जिससे विवाद सुलझाने में आसानी हुई है।
निष्कर्ष:
प्रे-नप कोई तलाक का प्रस्ताव नहीं, बल्कि शादी के लिए एक मजबूत और पारदर्शी समझौता है, जो कपल को कानूनी और वित्तीय सुरक्षा देता है। भारत में अभी यह कानून नहीं है, लेकिन भविष्य में इसे अपनाने की संभावनाएं बढ़ रही हैं।