अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को विदेशी कारों पर 25% आयात शुल्क लगाने की घोषणा की है। यह व्यवस्था 2 अप्रैल से लागू होगी और 3 अप्रैल से शुल्क की वसूली शुरू होगी। यह फैसला ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है।
विदेशी कारों पर 25% शुल्क क्यों?
ट्रंप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,"सरकार के इस कदम से उन सभी कारों पर 25% शुल्क लगेगा जो संयुक्त राज्य अमेरिका में नहीं बनी हैं। यह एक स्थायी निर्णय है। हम 2.5% से शुरुआत करेंगे और इसे 25% तक बढ़ाया जाएगा।"
क्या यह निर्णय बदला जा सकता है?
जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या यह फैसला रद्द किया जा सकता है, तो उन्होंने साफ कहा,"यह स्थायी है, लेकिन यदि आप अपनी कार संयुक्त राज्य अमेरिका में बनाते हैं, तो कोई टैरिफ नहीं लगेगा।"
किन देशों पर पड़ेगा असर?
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मेक्सिको अमेरिका को कारों का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है।
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इसके बाद दक्षिण कोरिया, जापान, कनाडा और जर्मनी का स्थान है।
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भारत से भी अमेरिका को ऑटोमोबाइल, ट्रक और मोटरसाइकिल निर्यात किए जाते हैं।
भारत से निर्यात की जाने वाली सबसे लोकप्रिय कारें:
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हुंडई वर्ना सेडान
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मारुति बलेनो हैचबैक
इस टैरिफ के कारण अमेरिकी ग्राहकों को भारतीय कारें महंगी पड़ेंगी।
4000-12000 डॉलर तक महंगी हो सकती हैं कारें
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ट्रंप ने कहा कि यह कदम अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा।
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विशेषज्ञों का मानना है कि इससे 4000-12000 डॉलर तक कारों की कीमतें बढ़ सकती हैं।
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अमेरिका को इस फैसले से करीब 100 बिलियन डॉलर का टैक्स कलेक्शन होगा।
चीन को मिल सकती है थोड़ी छूट
"TikTok खरीदने के कई विकल्प हैं, और हम इस पर चर्चा कर रहे हैं।"
निष्कर्ष
अमेरिका में विदेशी कारों पर 25% टैरिफ लगाने के ट्रंप के फैसले से ऑटो इंडस्ट्री में उथल-पुथल मच गई है। इससे अमेरिकी ग्राहक प्रभावित होंगे और विदेशी कारों की कीमतें बढ़ेंगी। अब देखना होगा कि यह फैसला वैश्विक ऑटोमोबाइल बाजार पर क्या प्रभाव डालता है।