मुंबई, 02 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने रविवार (2 जून) को कहा कि यूक्रेन-रूस जंग में चीन रूस का समर्थन कर रहा है। चीन के दखल से यह जंग लंबे समय तक चलेगी। अमेरिकी न्यूज चैनल CNN के मुताबिक, जेलेंस्की ने यह बात सिंगापुर में आयोजित शांगरी ला डायलॉग में कही है। जेलेंस्की ने कहा कि चीन का यह कदम दुनिया के लिए गलत संकेत है। इससे चीन की नीतियां भी गलत साबित होती हैं। चीन कहता है कि वह हर देश की स्वतंत्रता का समर्थन करता है। इसके बाद किसी देश को बर्बाद करने के लिए हथियार या समर्थन देना कोई अच्छी बात नहीं है। अमेरिका भी चीन पर यही आरोप लगा चुका है कि वह लगातार रूस को हथियार दे रहा है। इसके लिए कई बार चीन को चेतावनी दी गई है पर चीन ने इन आरोपों को खारिज किया है। उसने कहा है कि जंग में उसने किसी को भी हथियार नहीं दिए है और हथियारों के एक्सपोर्ट पर सख्त नियंत्रण रख रहा है।
उन्होंने कहा कि चीन लगातार दावा करता रहा है कि वह शांति समर्थक है, जबकि वह लगातार रूस की आर्थिक मदद कर रहा है। फरवरी 2022 से शुरू हुई जंग के बाद चीन लगातार रूस से अपने संबंध मजबूत बनाने में लगा है। जेलेंस्की ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों से यूक्रेन के लिए 15-16 जून को स्विट्जरलैंड में होने वाले अंतर्राष्ट्रीय शांति सम्मेलन में भाग लेने का आग्रह भी किया। उन्होंने आरोप लगाया है कि रूस इसमें बाधा डालने की कोशिश कर रहा है। जेलेंस्की ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय शांति सम्मेलन को बाधित करने के लिए रूस कई देशों को दिए जाने वाले कृषि, खाद्य और रासायनिक उत्पादों पर बैन लगाने की धमकी दे रहा है। रूस कई देशों से कह रहा कि वे इस शिखर सम्मेलन में न जाए। शिखर सम्मेलन में चीन के शामिल नहीं से पता चलता है चीन किसे चाहता है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि चीन जैसा बड़ा स्वतंत्र शक्तिशाली देश पुतिन के हाथों में कठपुतली जैसा है। यूक्रेन शांगरी ला डायलॉग में चीन से बातचीत के पक्ष में था। लेकिन, अब तक किसी चीनी नेता के साथ हमारी कोई बैठक या बातचीत नहीं हुई है। साथ ही, रूस-यूक्रेन जंग के बीच चीन रूस को लगातार सस्ते ड्रोन बनाने की टेक्नोलॉजी दे रहा है। इसी ड्रोन से रूस को यूक्रेन पर बढ़त मिल रही है। इस साल अप्रैल में अमेरिका ने चीन पर रूस को क्रूज मिसाइल, ड्रोन इंजन और बैलिस्टिक मिसाइल के लिए मशीन टूल्स प्रदान करने का आरोप लगाया था। चीन ने पिछले साल रूस को 90% इलेक्ट्रॉनिक चिप्स भेजे थे, जिनका इस्तेमाल टैंक, मिसाइल और विमान बनाने के लिए किया जा रहा है। जंग की शुरुआत में रूस को यूरोप से मिलने वाली जरूरी मशीनी टूल्स की सप्लाई प्रभावित हुई थी। चीन ने इस कमी को पूरा करने के लिए अपने टूल्स रूस को दिए।