पलक झपकते ही करोड़ों लोगों तक पहुंच जाती है। लेकिन इसी ताकत का उपयोग कई बार झूठी या भ्रामक सूचनाओं को फैलाने के लिए भी किया जाता है। ऐसी ही एक गुमराह करने वाली खबर इन दिनों यूट्यूब पर वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि भारत सरकार सभी बेरोजगार युवाओं को हर महीने ₹4500 की आर्थिक सहायता दे रही है। इस दावे को लेकर PIB फैक्ट चेक ने जब सच्चाई की पड़ताल की, तो नतीजे चौंकाने वाले निकले।
क्या है वायरल दावा?
हाल ही में यूट्यूब चैनल ‘AdTechnovation’ पर एक वीडियो अपलोड हुआ, जिसे कुछ ही दिनों में हजारों की संख्या में व्यूज़ और शेयर मिले। वीडियो के थंबनेल और कंटेंट में यह दावा किया गया कि:
“भारत सरकार की ओर से बेरोजगार युवाओं को ‘पीएम बेरोजगारी भत्ता योजना’ के तहत हर महीने ₹4500 की सहायता दी जा रही है।”
वीडियो में इस योजना का आवेदन फॉर्म भरने की प्रक्रिया, पात्रता शर्तें और किस तरह पैसे मिलेंगे – इसकी झूठी जानकारी विस्तार से दी गई थी।
फैक्ट चेक: सच्चाई क्या है?
इस वीडियो को लेकर जब PIB (Press Information Bureau) ने जांच की तो उन्होंने पाया कि यह दावा पूरी तरह से गलत और भ्रामक है।
PIB का निष्कर्ष:
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भारत सरकार की ओर से कोई भी ‘पीएम बेरोजगारी भत्ता योजना’ नाम की योजना वर्तमान में संचालित नहीं की जा रही है।
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इस दावे को फर्जी (Fake) और भ्रामक (Misleading) करार दिया गया।
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PIB ने जनता से अपील की कि ऐसी किसी भी योजना की जानकारी के लिए केवल सरकारी वेबसाइटों और आधिकारिक स्रोतों पर ही भरोसा करें।
झूठ फैलाने का मकसद क्या है?
इस तरह के फर्जी वीडियो कई बार यूट्यूब व्यूज़, लाइक्स, और सब्सक्राइबर बढ़ाने के उद्देश्य से बनाए जाते हैं। कुछ मामलों में इसके पीछे डेटा चोरी या फिशिंग लिंक के जरिए लोगों की निजी जानकारी चुराने की मंशा भी होती है।
लोग जब बिना जांचे-परखे ऐसे वीडियो पर भरोसा कर लेते हैं, तो वे या तो अपना समय, ऊर्जा और पैसा गँवा देते हैं या फिर फर्जी वेबसाइटों पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी देकर साइबर फ्रॉड के शिकार बन जाते हैं।