मुंबई, 22 अप्रैल, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। सांसद बांसुरी स्वराज नेशनल हेराल्ड की लूट लिखा बैग लेकर वन नेशन वन इलेक्शन पर जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) की मीटिंग में पहुंचीं। प्रियंका गांधी ने इस पर कहा, मैंने मीटिंग में उनसे इस पर चर्चा की थी। उन्होंने मुस्कुरा दिया। मुझे मजेदार लगा। प्रधानमंत्री के सलाहकार भी उन्हें गलत सुझाव दे रहे हैं। लोग जानते हैं कि गलत हो रहा है। ED ने मेरे पति से पूछा, 17 साल पहले आपने अपनी मां को 4 लाख रुपए क्यों दिए। हम पर हजारों करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी हड़पने का आरोप है। जब इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते तो हड़पने का सवाल कैसा। दरअसल, 15 अप्रैल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और सैम पित्रोदा के खिलाफ नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चार्जशीट दाखिल की थी। 25 अप्रैल को सुनवाई है। इससे पहले 10 दिसंबर को प्रियंका गांधी संसद में PM मोदी और अडाणी के कार्टून बने बैग लेकर पहुंची थीं। वे गौतम अडाणी पर अमेरिका कोर्ट में लगाए गए अभियोग के मुद्दे पर प्रदर्शन में शामिल हुई थीं।
उधर, वन नेशन-वन इलेक्शन पर सुझाव के लिए JPC राज्यों का दौरा 17 मई को महाराष्ट्र से शुरू करेगी। उसके बाद उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, चंडीगढ़ और पंजाब जाएगी। JPC अध्यक्ष पीपी चौधरी ने कहा-समिति का मानना है कि उसे सभी राज्यों का दौरा करना चाहिए और उनकी राय जाननी चाहिए। उन्होंने कहा- देश के लोगों के विचार जानने के लिए हर किसी को सुना जाएगा। JPC की आखिरी मीटिंग 25 मार्च को हुई थी। इसमें अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी, दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस डी एन पटेल, JPC सदस्य प्रियंका गांधी वाड्रा समेत और अन्य लोग शामिल हुए थे। JPC की मीटिंग में आज सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस हेमंत गुप्ता अपनी बात रखेंगे। इसके बाद जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस एसएन झा राय देंगे। दूसरे सेशन में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस और भारत के 21वें विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस डॉ. बीएस चौहान शामिल होंगे। अंत में राज्यसभा सदस्य और सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी शामिल होंगे।
दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व CJ डी एन पटेल ने 25 मार्च को 'एक देश एक चुनाव' प्रस्ताव के पॉजिटिव पहलुओं के साथ इसकी चुनौतियों पर भी चर्चा की थी। उन्होंने कहा था कि लॉन्ग टर्म में इससे बेहतर शासन में मदद मिलेगी। राजनीतिक दलों के बेहतर आकलन हो सकेगा। चुनाव की लागत कम होगी। हालांकि, उन्होंने प्रस्तावों के सामने आने वाली चुनौतियों में राज्य की स्वतंत्रता पर संभावित प्रभाव के साथ प्रशासन की चिंता, क्षेत्रीय मुद्दों पर राष्ट्रीय मुद्दों के हावी होने की भी बात कही। साथ ही कुछ अनुच्छेदों में संशोधन की आवश्यकता की संवैधानिक बाधाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि राज्य चुनावों को लोकसभा चुनावों के साथ कराने के लिए कुछ विधानसभाओं का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है। साथ ही, वेंकटरमणी ने सदस्यों से कहा कि वे केंद्र सरकार के नहीं, भारत के अटॉर्नी जनरल हैं। इसलिए ऐसा नहीं सोचें की मैं इस मामले में केंद्र सरकार की राय का समर्थन करूंगा। उन्होंने कहा कि मुझे भेजे गए सवालों के जबाव देंगे। भाजपा सांसद और JPC अध्यक्ष पीपी चौधरी ने कहा कि एक साथ चुनाव कराना देश के हित में है। समिति इसे लागू करने के सर्वोत्तम तरीकों पर विचार-विमर्श कर रही है। कानूनी विशेषज्ञों से मिली राय समिति को अपनी सिफारिशें तैयार करने में मदद करेंगी।