मुंबई, 07 मार्च, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिने ने परिसीमन मामले में अन्य राज्यों के मौजूदा और पूर्व मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखी है। इसमें उन्होंने 22 मार्च को होने वाली JAC की पहली बैठक में अपने प्रतिनिधि भेजने का अनुरोध किया है, ताकि परिसीमन मुद्दे पर साझा रणनीति बनाई जा सके। परिसीमन और ट्राई लैंग्वेज पॉलिसी के विरोध में स्टालिन ने 5 मार्च तमिलनाडु में सर्वदलीय की थी। बैठक में इस मुद्दे पर जॉइंट एक्शन कमेटी (JAC) बनाने का फैसला हुआ था। JAC परिसीमन में राज्यों का प्रतिनिधित्व बचाने और प्रक्रिया ईमानदारी से पूरी हो, इसके लिए काम करेगी। स्टालिन ने लिखा, 2026 की जनसंख्या के आधार पर परिसीमन दो तरीकों से हो सकता है। पहले में मौजूदा लोकसभा 543 सीटों को राज्यों के बीच फिर से बांटा जा सकता है। वहीं, दूसरे में सीटों की संख्या बढ़कर 800 से ज्यादा हो सकती है। दोनों स्थितियों में जनसंख्या कंट्रोल करने वाले राज्यों को नुकसान होगा।
तो वहीं, चिट्ठी में स्टालिन ने चेतावनी दी है कि परिसीमन से तमिलनाडु जैसे कम जनसंख्या वाले राज्यों पर असर पड़ेगा। उन्होंने लिखा कि देश में 1952, 1963 और 1973 में परिसीमन हुआ था। 1976 में परिसीमन को साल 2000 के बाद होने वाली पहली जनगणना तक रोक दिया गया। वहीं, 2002 में परिसीमन पर 2026 तक रोक बढ़ा दी गई थी। 2021 की जनगणना में देरी के वजह से परिसीमन तय समय से पहले हो सकता है। इससे अपनी जनसंख्या नियंत्रित रखने वाले राज्य प्रभावित हो सकते हैं। स्टालिन ने दक्षिण में केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक, पूर्वी राज्यों में पश्चिम बंगाल और ओडिशा और उत्तर में पंजाब से JAC में शामिल होने के लिए उनकी औपचारिक सहमति मांगी है।