जोहो (Zoho) का 'अरट्टाई': क्या भारत का यह स्वदेशी मैसेजिंग ऐप व्हाट्सएप को टक्कर दे पाएगा?

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Posted On:Monday, September 29, 2025

मुंबई, 29 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'स्वदेशी' उत्पादों को अपनाने के आह्वान के बाद, भारत में विकसित मैसेजिंग प्लेटफॉर्म 'अरट्टाई' (Arattai) सुर्खियों में है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी गूगल प्ले स्टोर और ऐप स्टोर पर उपलब्ध इस भारतीय ऐप को अपनाने के लिए नागरिकों से आग्रह किया है। यह ऐप दिग्गज भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनी जोहो (Zoho) द्वारा बनाया गया है।

'अरट्टाई' एक सुरक्षित, उपयोग में आसान और पूरी तरह से मुफ्त ऐप के रूप में प्रचारित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य वैश्विक मैसेजिंग दिग्गजों, विशेष रूप से व्हाट्सएप (WhatsApp), को एक भारतीय विकल्प प्रदान करना है।

क्या है 'अरट्टाई' और इसकी खासियतें?

तमिल भाषा में 'अरट्टाई' शब्द का अर्थ 'कैज़ुअल बातचीत' या 'चैट' होता है, जो इसके मूल उद्देश्य को दर्शाता है। जोहो का यह प्लेटफॉर्म संचार में आसानी के साथ-साथ गोपनीयता और सुरक्षा को प्राथमिकता देने पर केंद्रित है। कंपनी का वादा है कि उपयोगकर्ता की जानकारी किसी तीसरे पक्ष के साथ साझा नहीं की जाएगी।

अरट्टाई के प्रमुख फीचर्स:

  • मूल संचार: टेक्स्ट मैसेजिंग, वॉयस और वीडियो कॉल।
  • फाइल शेयरिंग: दस्तावेज़ और इमेज शेयर करने की सुविधा।
  • ग्रुप क्षमता: 1000 प्रतिभागियों तक के बड़े ग्रुप चैट की सुविधा।
  • चैनल: समर्पित चैनल्स (Channels) बनाने की सुविधा।


व्हाट्सएप से मुकाबला: सुरक्षा और गोपनीयता की चुनौती

अरट्टाई को भारत सरकार के स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा देने के व्यापक प्रयास के अनुरूप देखा जा रहा है। हालांकि, व्हाट्सएप के वर्चस्व वाले बाजार में इसे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, खासकर सुरक्षा के मोर्चे पर:

कॉल एन्क्रिप्शन (Encryption): अरट्टाई कॉल के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का उपयोग करता है, यह सुनिश्चित करता है कि कॉल की सामग्री केवल भेजने वाले और प्राप्त करने वाले तक ही सीमित रहे।

टेक्स्ट सुरक्षा में कमी: वर्तमान में, मैसेजेस (टेक्स्ट) पूरी तरह से एन्क्रिप्टेड नहीं हैं। यह एक महत्वपूर्ण सीमा है जो गोपनीयता के प्रति जागरूक उपयोगकर्ताओं के लिए चिंता का विषय हो सकती है।

व्हाट्सएप का प्रभुत्व: व्हाट्सएप, मैटा (Meta) के स्वामित्व वाला, भारत में लाखों उपयोगकर्ताओं के साथ गहरा पैठ जमा चुका है। किसी भी नए ऐप के लिए इतने बड़े उपयोगकर्ता आधार को अपनी ओर खींचना एक बहुत बड़ी चुनौती होगी।

निष्कर्ष: स्वदेशी प्रोत्साहन और बाजार की वास्तविकता

अरट्टाई भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, लेकिन व्हाट्सएप के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए इसे न केवल समान फीचर्स की पेशकश करनी होगी, बल्कि टेक्स्ट मैसेजिंग के लिए पूर्ण एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन जैसी आवश्यक सुरक्षा सुविधाओं में भी सुधार करना होगा। भारतीय नवाचार को बढ़ावा देने की सरकारी मुहिम के बावजूद, बाजार में सफलता अंततः ऐप की सुरक्षा, विश्वसनीयता, और उपयोगकर्ता अनुभव पर निर्भर करेगी।


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