मुंबई, 05 जनवरी, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने ट्रेनिंग के लिए भारत आने वाले 50 जजों के कार्यक्रम को रद्द कर दिया है। इकोनॉमिक टाइम्स ने ये जानकारी आज बांग्लादेशी कानून मंत्रालय के प्रवक्ता के हवाले से दी है। ये सभी जज और न्यायिक अधिकारी 10 फरवरी से ट्रेनिंग के लिए भारत आने वाले थे। न्यूज आउटलेट डेली स्टार के मुताबिक बांग्लादेशी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद युनूस सरकार सरकार ने इस प्रोग्राम को कैंसिल कर दिया। एक दिन पहले युनूस सरकार की ओर से बांग्लादेश संगबाद संस्था ने रिपोर्ट जारी कर कहा था कि लोअर कोर्ट के 50 जज मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी और राज्य न्यायिक अकादमी में एक दिन की ट्रेनिंग में हिस्सा लेंगे। ट्रेनिंग कार्यक्रम का पूरा खर्चा भारत सरकार की ओर से उठाया जाना था। प्रोग्राम के तहत चुने ट्रेनी जज जिला और सत्र जज या इसके समकक्ष अधिकारी, अतिरिक्त जिला और सत्र जज, संयुक्त जिला जज, वरिष्ठ सहायक जज और सहायक जज थे।
आपको बता दें, शेख हसीना ने प्रधानमंत्री रहते 2017 में भारत का दौरा किया था। इस दौरान दोनों देशों ने 22 समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इनमें बांग्लादेश की ज्यूडिशियरी के अधिकारी की ट्रेनिंग और कैपेसिटी डेवलपमेंट का कार्यक्रम भी शामिल था। इसे लेकर भारत की राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी और बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट के बीच भी समझौता हुआ था। देशों में लगातार बढ़ते तनाव के बीच व्यापार जारी है। बांग्लादेश ने भारत से 2 लाख टन चावल खरीदने का फैसला किया है। जिसकी 27 हजार टन चावल की पहली खेप 27 दिसंबर के बांग्लादेश के चटगांव पहुंची। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार 2 लाख टन उबले चावल के अलावा टेंडर के जरिए भारत से 1 लाख टन चावल का इंपोर्ट करेगी। बांग्लादेश में 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना सरकार गिरने के बाद से भारत विरोधी भावनाओं को बल मिला है। बांग्लादेश सरकार भारत से शेख हसीना को डिपोर्ट करने की मांग कर चुकी है। इसके अलावा अल्पसंख्यकों से जुड़े धार्मिक स्थलों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। हिंदू नेताओं को धमकियां मिल रही हैं। इस्कॉन से जुड़े धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास देशद्रोह के आरोप में 25 नवंबर से पुलिस हिरासत में हैं।